Kavita Jha

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नव वर्ष के आगमन की तैयारी#लेखनी काव्य प्रतियोगिता -28-Dec-2021

नव वर्ष के आगमन की हो रही तैयारी देखो...
बादल भी बरसने को तैयार हैं...
प्रकृति को संवारने को बेकरार हैं...
पत्ता पत्ता खिलेगा ...जब बारिश होगी झमाझम...
कुछ कड़वाहट जो संजोए रखी थी
बादलों ने इस वर्ष....
वो दूर होंगे ...
बिसरेंगे पुरानी बातों को...
जब बहेंगे नीर बादलों के बारिश बन...
नव वर्ष के आगमन की हो रही तैयारी देखो...
सजेगा धरती का हर कोना
जब शुरू करेगा बादल इसे अपने अश्रु धारा से भिगोना...
हर फूल हर डाली महकने लगेगी...
पिंजरे में बंद चिड़िया भी चहकने लगेगी...
प्रकृति का आनंद लेने के लिए...
खुले गगन में उड़ने के लिए वो भी छटपटाने लगेगी...
नीर अपने बहाने लगेगी...
नव वर्ष की तैयारी में पुरानी बातें बिसराने लगेगी..
नव वर्ष के आगमन की तैयारी हो रही है चारों ओर....
देखो जरा सुनो...
अन्तर्मन से मच रहा ये कैसा शोर..
इस वर्ष की कड़वाहट को नव वर्ष न लेकर जाएंगे
तभी तो बादल भी आज बरसने को तैयार है..
कड़वाहट मन की सब निकालने को बेकरार है...
मौसम में ठंडक आएगी...
मन भी होगा ठंडा...
तभी
ठंडे रिस्तों में गर्माहट लाने की करेंगे तैयारी..
प्यार बनाए रखने के लिए पुरानी बातों को मन से है बिसराना..
लुटाना है अपने प्यार का खजाना...
बादल संग बरसे हर नयन...
धुलेगा तभी तो कड़वाहट से भरा मन...
और मिठास भरेगी जीवन में...
करते हुए ये विश्वास..
नव वर्ष के आगमन की करें तैयारी हम खास...
***
कविता झा'काव्या कवि'
#लेखनी
#लेखनी काव्य प्रतियोगिता
२८.१२.२०२१

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1 Comments

Shrishti pandey

29-Dec-2021 08:59 AM

Nice

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